लिंग (Ling in Hindi Grammar)

0

लिंग किसे कहते हैं। परिभाषा, भेद और उदाहरण
लिंग (Ling in Hindi Grammar)


लिंग की परिभाषा – संज्ञा, सर्वनाम या क्रिया के जिस रुप से किसी व्यक्ति, वस्तु या भाव की जाति (स्त्री या पुरुष) का बोध हो, उसे लिंग कहते हैं।

अथवा

लिंग शब्द का अर्थ है निशान अर्थात जिस दिन से यह पता चले कि संज्ञा शब्द पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का, उसे लिंग कहते हैं।

जैसे – मर्द-औरत, बकरा-बकरी, मोर-मोरनी, स्त्री-पुरुष आदि।

लिंग के भेद (Ling Ke Bhed in Hindi Vyakaran)

हिंदी व्याकरण में लिंग के दो प्रकार होते हैं –

1 . पुल्लिंग

2 . स्त्रीलिंग





1 . पुल्लिंग शब्द


परिभाषा – वे शब्द जो पुरुष जाति का बोध कराते हैं, पुल्लिंग शब्द कहलाते हैं।

जैसे – बैल, मोर, घर, फूल, बालक, राम, व्यक्ति, उपकरण, लेखक, खटमल आदि।

2 . स्त्रीलिंग शब्द


परिभाषा – वे शब्द जो स्त्री जाति का बोध कराते हैं, स्त्रीलिंग शब्द कहलाते हैं।

जैसे – गाय, मोरनी, बालिका, लेखिका, जूं आदि।

लिंग-निर्णय


जीवधारी अथवा प्राणीवाचक संज्ञा का लिंग-निर्णय कठिन नहीं है, किंतु अप्राणीवाचक संज्ञा के लिंग-निर्णय में कठिनाई होती है, क्योंकि हिंदी में निर्जीव वस्तुओं को भी स्त्री और पुरुष, दो विभिन्न जातियों अथवा लिंगों में बांटा गया है।



इस कठिनाई को दूर करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। वे इस प्रकार हैं –

1 . पुल्लिंग शब्दों का लिंग निर्णय –


(क.) अकारान्त तत्सम शब्द पुल्लिंग होते हैं। जैसे – धन, वन, जल, शरीर, लोभ, कारण, दर्शन, पुष्प, पत्र, चित्र, पालन, कर्म, कार्य, प्रचार, मुख, सुख, उत्तर, प्रश्न, मस्तक, नृत्य, मेघ, अंचल, अंश, अकाल, कलश, गृह, चंदन, परिवर्तन, पर्वत, उपवन, वचन, रूप, नगर, सागर, स्वर्ग, दोष, नियम, विभाग, विरोध, विवाद, शासन, प्रवेश, अनुमान, निमंत्रण, त्रिभुज, नाटक, स्वास्थ्य, न्याय, समाज, विवाह, धर्म, सन्देश, प्रस्ताव, छात्रावास, प्रभाव, लोक इत्यादि।



(ख.) हिंदी के आकारांत शब्द पुल्लिंग होते है। जैसे – लड़का, भाड़ा, नाला, ढकना, पटाखा, धमाका, बुढ़ापा, बुलावा, दिखावा, पहनावा, चिमटा, छाता, हथौड़ा, जुर्माना, पहिया, चमड़ा, पैसा, कपड़ा, काढ़ा, रायता, सिरका, तांबा, लोहा, सोना, शीशा, कांसा, राँगा, पराठा, हलुआ, मसाला, परदा, गुस्सा, रास्ता, चश्मा, किस्सा इत्यादि।







इस नियम के कुछ अपवाद भी हैं।

(ग.) पर्वतों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे – हिमालय, विंध्याचल, पश्चिमी घाट, शिवालिक, सतपुड़ा, आल्प्स आदि।

(घ.) समय तथा उसके विभागों के नाम अधिकांश पुल्लिंग होते हैं। जैसे – घंटा, मिनट, सेकंड, पहर, दिन, दिनांक, समय, काल, वक्त, क्षण, पल, लम्हा, सप्ताह, पक्ष, पखवाड़ा, महीना, वर्ष, युग आदि।

(ङ.) हिन्दी मास, वार आदि के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे – चैत्र, वैशाख, आषाढ़, कार्तिक, माघ, रविवार, सोमवार, मंगलवार आदि।

(च.) धातुओं के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे – सोना, पीतल, लोहा, ताम्बा, कांसा, सीसा, अल्मुनियम, यूरेनियम, पारा आदि।

(छ.) मनुष्य तथा पशु-पक्षियों, सरीसृप में नर जाति पुल्लिंग होगी। जैसे – पुरुष, नर, नर्तक, लड़का आदि। उड़ने वाले जीव जैसे मच्छर, भौंरा, पतंगा आदि भी नर जाति के आधार पर पुल्लिंग होंगे।

2 . स्त्रीलिंग शब्द के लिंग निर्णय –


(क.) आकारांत, इकारांत, ईकारांत और उकारांत तत्सम शब्द स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे –

आकारांत – दया, माया, कृपा, लज्जा, क्षमा, शोभा, सभा, प्रार्थना, रचना, घटना, अवस्था, नम्रता, सुंदरता, ईष्या, भाषा, अभिलाषा, आशा, निराशा, कला, इच्छा, आज्ञा, रक्षा, घोषणा, परीक्षा, योग्यता, सीमा, संस्था, सहायता, शिक्षा आदि।

इकारांत – अनुमति, श्रुति, पूर्ति, जाति, समिति, नियुक्ति, रीति, शक्ति, हानि, स्थिति, परिस्थिति, शांति, संधि, छवि, रूचि आदि।

ईकारांत – नदी, नारी, कुंडली, गोष्ठी।

उकारांत – मृत्यु, आयु, वस्तु, ऋतू, वायु।

(ख.) ऐसी भाववाचक तद्भव संज्ञाएँ जिनका अंत ट, आवट, आहट आदि प्रत्ययों से होता है, स्त्रीलिंग होती हैं। 
जैसे – खटपट, रुकावट, घबराहट, छटपाहट।

(ग.) हिंदी में कुछ प्राणीवाचक शब्दों का प्रयोग केवल स्त्रीलिंग में होता है, उनका पुल्लिंग रूप नहीं बनता है। 
जैसे – सुहागिन, सती, सौत, सौतिन, धाय, नर्स, सवारी, संतान, पुलिस, सेना, फौज, सरकार आदि।



(घ.) आ, इ, ई, उ, ऊ अंत वाली संज्ञाएँ प्रायः स्त्रीलिंग होती है। 
जैसे – दया, लता, माला, सरिता, नदी, बुद्धि, भक्ति, छवि, स्तुति, उदासी, मिठाई, लड़की, कहानी, ऋतू, वस्तु, मृत्यु, वायु, बालू आदि।

(ङ.) भाषाओं के नाम तथा बोलियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। 
जैसे – हिन्दी, संस्कृत, उर्दू, बांग्ला, मराठी, तमिल, तेलगु, अंग्रेजी, चीनी, बिहारी, मैथिली, पंजाबी, अफ्रीकी आदि।

(च.) कुछ सब्जियों के नाम पुल्लिंग व स्त्रीलिंग होते हैं। 
जैसे –

पुल्लिंग – टमाटर, बैंगन, मटर, प्याज, लहसुन, खीरा, करेला, आलू, नींबू, जमीकंद, तरबूज, खरबूज, सिंघाड़ा, पालक, शलगम, अदरक आदि।

स्त्रीलिंग – भिंडी, तुरई, मूली, मैथी, सरसों, फलियाँ, अरबी, सेम की फली, ककड़ी, शकरकंद, बंदगोभी, फूलगोभी आदि।

(छ.) नदियों के नाम अधिकांश स्त्रीलिंग व कुछ पुल्लिंग होते हैं। 
जैसे –

स्त्रीलिंग – गंगा, यमुना, कृष्णा, गोदावरी, महानदी, गोमती, गंडक, नर्मदा, ताप्ती, रावी आदि।

पुल्लिंग – ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलज, व्यास, चेनाब।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)