UPSC IAS PCS, State PSC History Crass course, short Note for Revision
प्रिय दोस्तों आपके लिए इस पोस्ट में भारतीय इतिहास का परीक्षा के समय रिवीजन की दृष्टि से शार्ट नोट तैयार करके लाये हैं जो आपके विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के समय बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा।
धार्मिक आन्दोलन
जैन धर्म
- ◆ जैन धार्मिक विचार के अनुसार जैनों के 24 तीर्थकर हुए । ऋषभदेव पहले तीर्थकर थे । जिन्हें जैन धर्म का संस्थापक माना जाता है । ऋग्वेद में ऋषभदेव तथा अरिष्टनेमि नामक तीर्थकरों की चर्चा है ।
- ◆ जैन धर्म के 23 वें तीर्थकर पार्श्वनाथ थे । पार्श्वनाथ काशी नरेश अश्वसेन के पुत्र थे । उनका निर्वाण सम्मेद शिखर पर हुआ था ।
- ◆ जैन धर्म के मुख्य प्रवर्तक तथा 24 वें तीर्थंकर महावीर स्वामी थे । इनके बचपन का नाम वर्धमान था ।
- ◆ महावीर का जन्म 540 ई.पू. में वैशाली निकट कुण्डग्राम ( ज्ञातृक कुल ) में हुआ था । इनके पिता का नाम सिद्धार्थ तथा माता का नाम त्रिशला था । त्रिशला लिच्छवि शासक चेटक की बहन थी । तीस वर्ष की अवस्था में उन्होंने गृह त्याग दिया तथा सन्यासी हो गए ।
- ◆ 12 वर्षों की कठिन तपस्या के बाद ऋजुपालिका नदी के तट पर साल के वृक्ष के नीचे जृम्भिक ग्राम में उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ
- ◆ 72 वर्ष की आयु में 468 ई.पू. पावापुरी में राजा हरितपाल के महल में महावीर स्वामी का निर्वाण हुआ ।
- ◆ जैन ग्रन्थ कल्पसूत्र तथा आचरांगसूत्र में महावीर की कठोर तपस्या तथा ज्ञान प्राप्ति की चर्चा मिलती है ।
- ◆ महावीर स्वामी की मृत्यु के पश्चात् जैन का प्रथम अध्यक्ष सुधर्मन था ।
जैन धर्म के त्रिरत्न है - सम्यक् दर्शन , सम्यक् ज्ञान तथा सम्यक् आचरण ।
जैन संघ
जैन संघ दो भागो में विभाजित हुआ - दिगम्बर ( भद्रबाहु के समर्थक ) तथा श्वेताम्बर ( स्थूलभद्र के समर्थक ) इन सम्प्रदायों का विभाजन विभिन्न विचारों के आधार पर हुआ था । श्वेताम्बर सफेद वस्त्र धारण करते थे , जबकि दिगम्बर बिना वस्खो के जीवन व्यतीत करते थे ।जैन संगीतियाँ
संगीति | काल | स्थान | अध्यक्ष |
प्रथम | 322 से 298 ई . पू | पाटलिपुत्र | स्थूलभद्र |
द्वितीय | 512 ई . | वल्लभी | देवर्षि क्षमाश्रवण |
◆ जैन धर्म ग्रन्थ जैन धर्म ग्रन्थों की रचना प्राकृत भाषा में हुई है। जैन ग्रंथों को पूर्व या आगम कहा जाता है । इनकी संख्या 12 है ।
बौद्ध धर्म
- महात्मा बुद्ध का जन्म 563 ई.पू. में कपिलवस्तु के निकट लुम्बनी में हुआ था।
- बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था । बुद्ध के पिता शुद्धोधन शाक्य गणराज्य के शासक थे। उनकी माता का नाम महामाया था। माता की मृत्यु के बाद मौसी महाप्रजापति गौतमी ने उनका पालन - पोषण किया ।
- बुद्ध का विवाह यशोधरा से हुआ था। यशोधरा से जन्मे उनके पुत्र का नाम राहुल था। पुत्र जन्म के कुछ समय पश्चात् ही 29 वर्ष की अवस्था में उन्होंने गृह त्याग दिया। आलार कलाम के शिष्य बने।
- 35 वर्ष की अवस्था में फल्गु (निरंजना) नदी के तट पर उरुवेला नामक स्थान पर उन्हें ज्ञान प्राप्ति हुई , जिसके बाद ये 'बुद्ध' कहलाए।
- महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया, जो धर्मचक्र प्रवर्तन कहलाता है।
- 483 ई.पू. में 80 वर्ष की अवस्था में मल्ल गणराज्य की राजधानी कुशीनारा (कुशीनगर) में महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ.
बौद्ध धर्म , दर्शन तथा सिदान्त
◆ बुद्ध ने निर्वाण ( मोक्ष ) प्राप्ति के लिए अष्टांगिक मार्ग का उपदेश दिया ।1. सम्यक् दृष्टि
2. सम्यक्सकल्प
3 . सम्यक् वाणी
4. सम्यक् कर्म
5. सम्यक् आजीव
6. सम्यक् व्यायाम
7. सम्यक् स्मृति
8. सम्यक् समाधि
◆ बौद्ध धर्म के त्रिरत्न है - बुद्ध, धम्म एवं संघ ।
बौद्ध ग्रन्थ
- अधिकांश बौद्ध ग्रन्थों की रचना पालि भाषा में हुई है।
- बौद्ध ग्रन्थों में सबसे महत्त्वपूर्ण त्रिपिटक हैं ।
- सुत्त, विनय तथा अभिधम्म पिटक में बौद्ध धर्म की सम्पूर्ण प्रवृत्तियाँ अन्तर्निहित हैं ।
बुद्ध के जीवन से सम्बन्धित प्रतीक
घटना | प्रतीक |
जन्म | कमल, सांड |
गृहत्याग | घोड़ा |
निर्वाण | पदचिह्न |
मृत्यु | स्तूप |
बौद्ध संगीतियाँ
संगीति | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष | शासनकाल |
प्रथम | 483 ई.पू. | राजगृह | महाकस्सपा | अजातशत्रु |
द्वितीय | 383 ई.पू. | वैशाली | सर्वकामिनी | कालाशोक |
तृतीय | 250 ई.पू. | पाटलिपुत्र | मोग्गलिपुत्ततिस्स | अशोक |
चतुर्थ | 72 ई | कुण्डलवन | वसुमित्र | कनिष्क |
बौद्ध सम्प्रदाय
◆ महात्मा बुद्ध के दर्शन तथा सिद्धान्तों में विश्वास करने वाला सम्प्रदाय हीनयान था, जबकि महायान सम्प्रदाय को मानने वाले बुद्ध के साथ बोधिसत्वों के जीवन तथा सिद्धान्तों में भी विश्वास रखते थे ।महाजनपद काल
- छठी शताब्दी ई.पू. में 16 महाजनपदों का उदय हुआ , जिसमें मगध सर्वाधिक शक्तिशाली महाजनपद था । बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय में पहली बार 16 महाजनपदों की चर्चा मिलती है ।
- इन महाजनपदों में एकमात्र अश्मक दक्षिण भारत में था ।
महाजनपदों की स्थिति
महाजनपद | राजधानी |
मगध | राजगृह |
वत्स | कौशाम्बी |
अवन्ति | उज्जयिनी |
कुरु | हस्तिनापुर |
वज्जि | वैशाली |
मत्स्य | विराटनगर |
कोसल | श्रावस्ती |
पांचाल | अहिच्छत्र |
काशी | वाराणसी |
शूरसेन | मथुरा |
अंग | चम्पा |
गान्धार | तक्षशिला |
मल्ल | कुशीनारा |
कम्बोज | राजपुर |
चेदि | सोधीवती |
अश्मक | पोतन |