ब्रह्माण्ड
ब्रह्माण्ड सम्पूर्ण समय और अंतरिक्ष और उसकी अंतर्वस्तु को कहते हैं। ब्रह्माण्ड में सभी ग्रह, तारे, गैलेक्सियाँ, खगोलीय पिण्ड, गैलेक्सियों के बीच के अंतरिक्ष की अंतर्वस्तु, अपरमाणविक कण, और सारा पदार्थ और सारी ऊर्जा शामिल है। अवलोकन योग्य ब्रह्माण्ड का व्यास वर्तमान में लगभग 28 अरब पारसैक (91.1 अरब प्रकाश-वर्ष) है। पूरे ब्रह्माण्ड का व्यास अज्ञात है, और हो सकता है कि यह अनन्त हो।
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Cartwheel Galaxy |
बिग बैंग सिद्धान्त
- प्रायः ऐसा माना जाता है कि ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति आज से लगभग 15 अरब वर्ष पूर्व बिग बैंग की घटना से हुई।
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Big bang explosion |
ब्रह्मांड का जन्म एक महाविस्फोट के परिणामस्वरूप हुआ। इसी को महाविस्फोट सिद्धान्त या बिग बैंग सिद्धान्त कहते हैं। जिसके अनुसार लगभग बारह से चौदह अरब वर्ष पूर्व संपूर्ण ब्रह्मांड एक परमाण्विक इकाई के रूप में था। उस समय मानवीय समय और स्थान जैसी कोई अवधारणा अस्तित्व में नहीं थी। महाविस्फोट सिद्धांत के अनुसार लगभग
13.7 अरब वर्ष पूर्व इस धमाके में अत्यधिक ऊर्जा का उत्सजर्न हुआ। यह ऊर्जा इतनी अधिक थी जिसके प्रभाव से आज तक ब्रह्मांड फैलता ही जा रहा है। सारी भौतिक मान्यताएं इस एक ही घटना से परिभाषित होती हैं जिसे महाविस्फोट सिद्धांत कहा जाता है।
महाविस्फोट नामक इस महाविस्फोट के धमाके के मात्र 1.43 सेकेंड अंतराल के बाद समय, अंतरिक्ष की वर्तमान मान्यताएं अस्तित्व में आ चुकी थीं। भौतिकी के नियम लागू होने लग गये थे। 1.34 वें सेकेंड में ब्रह्मांड
1030 गुणा फैल चुका था और क्वार्क, लैप्टान और फोटोन का गर्म द्रव्य बन चुका था। 1.4 सेकेंड पर क्वार्क मिलकर प्रोटॉन और न्यूट्रॉन बनाने लगे और ब्रह्मांड अब कुछ ठंडा हो चुका था। हाइड्रोजन, हीलियम आदि के अस्तित्त्व का आरंभ होने लगा था और अन्य भौतिक तत्व बनने लगे थे।
- असंख्य तारों के समूह को आकाशगंगा (गैलेक्सी) कहते है। हमारा सौरमण्डल जिस आकाशगंगा में स्थित है, उसे मन्दाकिनी कहते हैं। यह सर्पिलाकार है।
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Milkey way |
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स्वच्छ आकाश में दुग्ध मेखला को देखा जा सकता |
- सेन्टॉरस सबसे बड़ा ज्ञात तारामण्डल है।
- पृथ्वी के निकटतम तारे क्रमशः सूर्य एवं प्रोक्सिमा सेंचुरी है। साइरस सबसे चमकीला तारा है।
क्षुद्रग्रह
क्षुद्रग्रह (Asteroid) अथवा ऐस्टरौएड एक खगोलिय पिंड होते है जो ब्रह्माण्ड में विचरण करते रहते हे। यह आपने आकार में ग्रहो से छोटे और उल्का पिंडो से बड़े होते है।
- क्षुद्रग्रह मंगल एवं बृहस्पति ग्रह की कक्षाओं के बीच पाए जाने वाले छोटे - छोटे आकाशीय पिण्ड हैं; जैसे - फोरवेस्टा।
- धूमकेतू ये गैस एवं धूल के संग्रह होते हैं, जो आकाश में लम्बी चमकदार पूंछ सहित प्रकाश के चमकीले गोले के रूप में दिखते हैं; जैसे - हेली धूमकेतु।
धूमकेतु
धूमकेतु सौरमण्डलीय निकाय है जो पत्थर, धूल, बर्फ और गैस के बने हुए छोटे-छोटे खण्ड होते है। यह ग्रहो के समान सूर्य की परिक्रमा करते है। छोटे पथ वाले धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा एक अण्डाकार पथ में लगभग 6 से 200 वर्ष में पूरी करते है। कुछ धूमकेतु का पथ वलयाकार होता है और वो मात्र एक बार ही दिखाई देते है। लम्बे पथ वाले धूमकेतु एक परिक्रमा करने में हजारों वर्ष लगाते है।
अधिकतर धूमकेतु बर्फ, कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन, अमोनिया तथा अन्य पदार्थ जैसे सिलिकेट और कार्बनिक मिश्रण के बने होते है।
- उल्का ये क्षुद्र ग्रहों के टुकड़े तथा धूमकेतुओं द्वारा पीछे छोड़े गए धूलकण हैं।
- उपग्रह चन्द्रमा पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह है, जो पृथ्वी के चारों ओर दीर्घवृत्तीय कक्षा में चक्कर लगाता है।